प्राचीन भारत | Prachin Bharat

By: रमेशचंद्र मजबूदार - Ramesh Chandra Majboodar
प्राचीन भारत | Prachin Bharat by


दो शब्द :

इस पाठ में भारत की प्राचीनता, उसकी प्राकृतिक विशेषताएँ और ऐतिहासिक विकास की चर्चा की गई है। लेखक रमेशचन्द्र मजूमदार ने भारतीय इतिहास के विभिन्न कालखंडों का विस्तृत वर्णन किया है, जिसमें प्रागैतिहासिक युग से लेकर उत्तर वैदिक काल और मगध साम्राज्य के विस्तार तक की घटनाओं का उल्लेख किया गया है। भारत की भौगोलिक स्थिति और उसकी प्राकृतिक सीमाओं का भी विस्तार से वर्णन किया गया है, जो इसे बाहरी आक्रमणों से कुछ हद तक सुरक्षित रखती थीं। Himalaya पर्वत और अन्य प्राकृतिक बाधाएँ भारत को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ियाँ हैं, जो व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बनीं। भारतीय उपमहाद्वीप की विविधता को दर्शाते हुए, लेखक ने जाति, धर्म और भाषा की भिन्नताओं का भी उल्लेख किया है, जो इसे एकजुटता में बाधा डालती हैं। भारत को एक महाद्वीप के रूप में समझते हुए, यह उल्लेख किया गया है कि इसे फ्रांस या जर्मनी जैसे आधुनिक देशों की तरह एकीकृत नहीं कहा जा सकता। इस प्रकार, पाठ भारतीय इतिहास और संस्कृति की जटिलता को उजागर करता है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि कैसे भौगोलिक और ऐतिहासिक तत्वों ने भारतीय समाज को आकार दिया है।


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