कालिका पुराण | Kalika Puran

By: चमनलाल गौतम - Chamanlal Gautam
कालिका पुराण  | Kalika Puran by


दो शब्द :

इस पाठ में विभिन्न पुराणों में वर्णित देवी-देवताओं की कथाएं और उनकी विशेषताएं प्रस्तुत की गई हैं। विशेष रूप से कामदेव का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने सती पर मदनास्त्र चलाया, जिसके परिणामस्वरूप सती ने आत्मदाह कर लिया। इसके अलावा, शिव और पार्वती के विवाह की कथा में भी विभिन्न मत हैं। शिव ने पार्वती को परीक्षा में डाला और अंततः उन्हें स्वीकार किया। पुराणों में प्रलय और सृष्टि की घटनाओं का भी वर्णन है। भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का उल्लेख करते हुए, विशेष रूप से वाराह अवतार की चर्चा की गई है, जिसमें भगवान ने पृथ्वी को उद्धार किया। इस पाठ में दैवी घटनाओं और घटनाक्रमों का विशेष ध्यान रखा गया है जो मानव जीवन और जगत के लिए महत्वपूर्ण हैं। कथाओं में विभिन्न देवताओं की शक्तियों और उनके कार्यों का वर्णन है, जैसे कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव का एकत्व और उनका संसार में प्रभाव। पाठ में धार्मिक मान्यताओं और सदाचार की चर्चा भी की गई है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। इस प्रकार, पाठ में पुराणों के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया गया है, जिसमें नैतिकता, भक्ति और दैवी शक्तियों की महत्ता को दर्शाया गया है।


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