भाषा भास्कर | Bhasha Bhaskar

By: डब्लू. ऐथिरिंगटन - W. Etheringtion
भाषा भास्कर | Bhasha Bhaskar by


दो शब्द :

इस पाठ में "हर नदी भाषा का व्याकरण" विषय पर चर्चा की गई है। इसमें भाषा, व्याकरण और शब्दों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन किया गया है। इसे पाद़ी बर्थार्ड्रटन द्वारा लिखा गया है, जो काशी नगर के विद्या का प्रचार करते हैं। पाठ में यह बताया गया है कि भाषा के व्याकरण में स्वर, व्यंजन, संधि, और शब्दों के विभिन्न भेदों के बारे में जानकारी दी गई है। शब्दों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - संज्ञा, क्रिया और अव्यय। संज्ञा को वस्तुओं के नाम के रूप में परिभाषित किया गया है, जबकि क्रिया क्रिया का बोध कराती है और अव्यय वे शब्द हैं जिनमें लिंग, संख्या या कारक नहीं होते। पाठ में संज्ञा को और भी श्रेणियों में बांटा गया है जैसे कि व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, गणवाचक और भाववाचक संज्ञा। इसके अलावा, पाठ में वर्णन किया गया है कि किस प्रकार शब्दों के संयोजन से अर्थ और व्याकरणिक नियमों का निर्माण होता है। विशेष रूप से, संधि के नियमों और स्वर, व्यंजन के संयोगों पर जोर दिया गया है। इस प्रकार, पाठ भाषा के विभिन्न पहलुओं, उसके व्याकरण और शब्दों की संरचना पर गहराई से प्रकाश डालता है, जो भाषा के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है।


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