भोजपुरी लोक संस्कृति | Bhojpuri Lok Sanskriti

By: कृष्णदेव उपाध्याय - Krishndev upadhyay
भोजपुरी लोक संस्कृति | Bhojpuri Lok Sanskriti by


दो शब्द :

इस पाठ में भोजपुरी लोक-संस्कृति पर चर्चा की गई है, जिसमें डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय द्वारा लिखित "भोजपुरी लोक-संस्कृति" नामक ग्रंथ का उल्लेख किया गया है। यह ग्रंथ भारतीय संस्कृति की विविधता को दर्शाते हुए भोजपुरी क्षेत्र की विशेषताओं को उजागर करता है। लेखक ने भारतीय संस्कृति को उसके प्राकृतिक और सांस्कृतिक कारणों से विविधता के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि भोजपुरी क्षेत्र की बोली और जीवनशैली की मिठास का भी उल्लेख किया है। लेखक ने भोजपुरी लोक-संस्कृति के विभिन्न पहलुओं जैसे लोकविश्वास, खान-पान, पर्व-त्योहार, और सामाजिक जीवन का विस्तृत विवरण दिया है। ग्रंथ में भोजपुरी लोकजीवन की समृद्धि और उसकी सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। डॉ. उपाध्याय ने अपने अनुभव और शोध के माध्यम से भोजपुरी संस्कृति के वास्तविक तथ्यों को संग्रहित किया है, जो इस क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। पाठ में यह भी बताया गया है कि भोजपुरी लोक-संस्कृति की पहचान और विकास में स्थानीय विद्वानों और अंग्रेजी शासकों का योगदान रहा है। लेखक ने विभिन्न टैबू और सांस्कृतिक परंपराओं का भी उल्लेख किया है, जो इस क्षेत्र के सामाजिक जीवन का हिस्सा हैं। अंत में, यह आशा व्यक्त की गई है कि यह ग्रंथ शोधकर्ताओं और जिज्ञासु पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।


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