भारतवर्ष का इतिहास | Bharatvarsh ka Itihas

By: पं. भगवद्दत्त - Pt. Bhagavadatta
भारतवर्ष का इतिहास | Bharatvarsh ka Itihas by


दो शब्द :

पाठ का मुख्य उद्देश्य भारतीय इतिहास के विकृत रूप को उजागर करना और इसके वास्तविक तथ्यों को प्रस्तुत करना है। लेखक, पंडित भगवद्दत्त, ने अपने जीवन को भारतीय संस्कृति और इतिहास के अध्ययन में समर्पित किया है। उन्होंने विभिन्न पुरातन ग्रंथों का गहन अध्ययन किया और उन्हें सही संदर्भ में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। लेखक का कहना है कि भारतीय इतिहास को पश्चिमी लेखकों द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जिससे भारतीय छात्रों में अपने अतीत के प्रति अवहेलना और भ्रम उत्पन्न हुआ है। उन्होंने यह भी बताया है कि महात्मा गांधी और पं. जवाहरलाल नेहरू जैसे नेता भी इस विकृत इतिहास के प्रभाव में हैं। पंडित भगवद्दत्त ने महिला विद्यापीठ की स्थापना की और वहाँ हिन्दी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया। उन्होंने अपने अध्ययन में संस्कृत साहित्य का गहन अवलोकन किया और अनेक ऐतिहासिक प्रमाणों को संकलित किया। उनका मानना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को बिना कल्पना के प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि इतिहास की सच्चाई बनी रहे। लेखक ने यह भी बताया है कि उनके अध्ययन का परिणाम इस ग्रंथ के रूप में सामने आया है, जिसमें उन्होंने पुराणों और अन्य प्राचीन ग्रंथों के आधार पर भारतीय इतिहास को संक्षिप्त और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने इस ग्रंथ को हिन्दी में लिखा है, क्योंकि वे मानते हैं कि हिन्दी भारत की राष्ट्र-भाषा बन रही है और इसके माध्यम से भारतीयता को सशक्त किया जा सकता है। कुल मिलाकर, यह पाठ भारतीय इतिहास के सही चित्रण, संस्कृति के संरक्षण और हिन्दी भाषा के महत्व को समझाने का प्रयास है। लेखक ने अपने जीवन के पिछले 25 वर्षों को इस कार्य में समर्पित किया है और वे आशा करते हैं कि पाठक उनके अध्ययन से लाभान्वित होंगे।


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