अकबरी दरबार के हिंदी -कवि | Akbari Darbar ke Hindi- Kavi

By: डॉ-सरयू-प्रसाद-Agra - Dr Sarayu Prasad
अकबरी दरबार के हिंदी -कवि | Akbari Darbar ke Hindi- Kavi by


दो शब्द :

इस पाठ में लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एक कार्यक्रम और उसमें सेठ शुभकरन जी सेकसारिया द्वारा दिए गए दान का उल्लेख है। इस दान का उपयोग हिंदी में मौलिक और गुणात्मक सामग्री के प्रकाशन के लिए किया जाएगा। दान के जरिए हिंदी साहित्य के भंडार को समृद्ध करने और ज्ञानवर्धन में सहायता की जाएगी। इसके बाद, डॉ. सरयूप्रसाद अग्रवाल के द्वारा लिखित एक ग्रंथ के बारे में चर्चा की गई है, जिसमें उन्होंने अकबर के दरबार से जुड़े कवियों का अध्ययन किया है। इस अध्ययन में हिंदी साहित्य के मध्य-युग की विशेषताओं, अद्भुत कवियों जैसे नरहरि, ब्रह्म, तानसेन, गंग, और रहीम के कार्यों का विश्लेषण किया गया है। ग्रंथ में अकबर के दरबार की साहित्यिक वातावरण, विभिन्न कवियों की रचनाओं और उनके योगदान का विस्तृत वर्णन किया गया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि अकबर के शासन काल में हिंदी काव्य का उत्कर्ष हुआ। इस अवधि में भक्तिकाव्य, सूफी काव्य, और अन्य धार्मिक भावनाओं से परिपूर्ण काव्य रचनाएँ हुईं। अकबर ने विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को सम्मानित किया, जिससे साहित्य के प्रति प्रेम बढ़ा। ग्रंथ के अध्यायों में कवियों के जीवन, उनकी रचनाओं और काव्य की विशेषताओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। पाठ में यह आशा व्यक्त की गई है कि यह ग्रंथ हिंदी साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा और पाठकों द्वारा सराहा जाएगा। इस प्रकार, यह पाठ हिंदी साहित्य के इतिहास, विशेषकर अकबर के काल के कवियों और उनके योगदान के महत्व को उजागर करता है।


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