दर्द बे -अंदाज़ (ग़जल संग्रह) | Dard Be - Andaz( Ghajal Sangrah)

By: सुरेंद्र चतुर्वेदी - Surendra Chaturvedi
दर्द बे -अंदाज़ (ग़जल संग्रह) | Dard Be - Andaz( Ghajal Sangrah) by


दो शब्द :

इस पाठ में सुरेन्द्र चतुर्वेदी की कविता संग्रह "दर्द बे-अंदाज" का परिचय दिया गया है। कविता को संवेदनशीलता और गहराई के साथ लिखा गया है, जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण किया गया है। लेखक ने यह बताया है कि चतुर्वेदी की कविताएं जीवन की वास्तविकताओं और दर्द को व्यक्त करती हैं। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि चतुर्वेदी व्यंग्यकार हैं और उनकी दृष्टि में गहराई है। उन्होंने यह स्वीकार किया है कि हिंदी साहित्य में व्यंग्य रचनाकारों की कमी है, और जब कोई युवा कवि इस विधा में अपनी प्रतिभा को उजागर करता है, तो यह एक महत्वपूर्ण घटना होती है। इसके अलावा, संग्रह में प्रस्तुत गजलों में समाज की समस्याओं, दर्द और संघर्ष को बेहद प्रभावी तरीके से दर्शाया गया है। कविताएं जीवन की कड़वी सच्चाइयों, सामाजिक अन्याय, और मानवीय भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। चतुर्वेदी की गजलों में एक गहनता है, जो पाठक को सोचने पर मजबूर कर देती है। कुल मिलाकर, यह संकलन न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के प्रति एक गहरा संवेदनशीलता भी दर्शाता है।


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