बौद्धधर्म और बिहार | Bauddhdharma Aur Bihar

- श्रेणी: इतिहास / History बौद्ध / Buddhism भारत / India
- लेखक: हवलदार त्रिपाठी सहृदय - Hawaldar Tripathi Sahriday
- पृष्ठ : 476
- साइज: 16 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
इस पाठ में सम्राट अशोक के जीवन और उनके द्वारा बौद्ध धर्म को अपनाने की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। पाठ में यह बताया गया है कि अशोक ने अपने भाइयों के खिलाफ युद्ध किया और अंततः गद्दी पर बैठे। उनके शासन काल में कलिंग पर आक्रमण हुआ, जिसमें भारी नरसंहार हुआ। इस युद्ध के परिणामस्वरूप अशोक ने युद्ध की हिंसा से प्रभावित होकर अहिंसा की ओर अग्रसर होने का निर्णय लिया और बौद्ध धर्म को अपनाया। अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए अपने पूरे परिवार को भी इस धर्म में शामिल किया। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि अशोक ने अपने राज्य की समृद्धि को धार्मिक कार्यों में लगाया और बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए अनेक प्रयास किए। इस प्रकार, पाठ सम्राट अशोक के जीवन, उनके संघर्षों, युद्ध के परिणामों और बौद्ध धर्म के प्रति उनके योगदान को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यह उनके जीवन में बदलाव और धार्मिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण समय को भी उजागर करता है।
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