अभिधानराजेन्द्र : | Abhidanarajendrah:

- श्रेणी: ग्रन्थ / granth संस्कृत /sanskrit
- लेखक: विजया राजेंद्र सुरी - Vijayarajendra Suri
- पृष्ठ : 1658
- साइज: 155 MB
- वर्ष: 1913
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दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न विषयों और जानकारी का समावेश किया गया है, जिसमें प्रमुखता से 'अभिधानराजेन्द्र' नामक ग्रंथ का विवरण दिया गया है। इसमें विभिन्न संस्कृत शास्त्रों और शब्दों के संदर्भ में व्याख्या, शब्द-संकलन और उनके अर्थों पर चर्चा की गई है। पाठ में विभिन्न मुनियों और विद्वानों का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने इस कार्य में योगदान दिया है। इसके अलावा, पाठ में विभिन्न स्थानों और उनके संघों का विवरण भी है, जो इस ग्रंथ के प्रकाशन और विकास में शामिल रहे हैं। अंत में, यह पाठ इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करता है कि कैसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन एकत्रित होकर ज्ञान और साहित्य को संरक्षित करने के प्रयास में लगे हुए हैं।
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