हिंदी उपन्यास कोश (खंड-२) | Hindi upnyas Kosh ( khand-2)

By: गोपाल-राय - gopal-ray
हिंदी उपन्यास कोश (खंड-२) | Hindi upnyas Kosh ( khand-2) by


दो शब्द :

यह पाठ डॉ. गोपाल राय द्वारा लिखित "हिन्दी उपन्यास कोश" के द्वितीय खंड का परिचय देता है, जिसमें 1918 से 1936 के बीच प्रकाशित उपन्यासों का विस्तृत विवरण शामिल है। इस खंड के प्रकाशन से पाठकों को संतोष और आह्लाद का अनुभव होगा, क्योंकि इसमें हिन्दी उपन्यासों की प्रामाणिक जानकारी प्रस्तुत की गई है। डॉ. राय ने प्रेमचन्द के उपन्यासों की प्रकाशन तिथियों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया है कि प्रेमचन्द के उपन्यासों के बारे में जो भ्रांतियाँ फैली हुई हैं, उनका उल्लेख करना स्वयं में एक कठिन कार्य है। इस खंड में प्रेमचन्द के योगदान को "प्रेमचन्द युग" के रूप में मान्यता दी गई है, जिसमें उन्होंने 11 उपन्यास लिखे। इसके साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया है कि इस युग में अन्य लेखकों ने भी महत्वपूर्ण उपन्यास रचे हैं, जिनकी उपेक्षा की गई है। डॉ. राय ने इस कोश के माध्यम से उपन्यासों की संख्या और विषय के आधार पर एक महत्वपूर्ण तालिका प्रस्तुत की है, जो हिंदी उपन्यास के विकास के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। पाठ में उपन्यासों की श्रेणीबद्ध जानकारी दी गई है, जिसमें मौलिक और अनूदित उपन्यासों का विवरण है। यह ग्रंथ शोधकर्ताओं और पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ है, क्योंकि इसमें उपन्यासों के विषय, लेखक, प्रकाशक, और प्रकाशन काल की जानकारी दी गई है। इसके अलावा, पुस्तकालयों और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं को भी शामिल किया गया है। इस तरह से डॉ. राय ने हिंदी उपन्यास साहित्य के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।


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