प्लेग | Plague

- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy
- लेखक: आलबेयर कामू - Aalbeyar Kamu विजय-चौहान - Vijay-Chauhan शिवदान सिंह चौहान - Shivdan Singh Chauhan
- पृष्ठ : 334
- साइज: 26 MB
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दो शब्द :
इस उपन्यास "प्लेग" का आरंभ ओरान नामक एक छोटे से शहर के वर्णन से होता है, जो अल्जीरियाई तट पर स्थित है। लेखक ने इस शहर के वातावरण, जीवनशैली और लोगों की मानसिकता को विस्तार से बताया है। ओरान एक साधारण और बदसूरत शहर है, जहाँ प्राकृतिक सुंदरता का अभाव है। यहाँ के लोग कठोर मेहनत करने वाले हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य धन कमाना है। वे जीवन में प्रेम और मनोरंजन के क्षणों को शनिवार और रविवार के लिए आरक्षित रखते हैं, जबकि सप्ताह के बाकी दिन वे काम में व्यस्त रहते हैं। शहर के लोग अपनी जीवनशैली की नीरसता से ऊब चुके हैं और उनमें वास्तविक प्रेम का अनुभव नहीं होता। उनकी ज़िंदगी व्यापार और ताश की मेज़ों के इर्द-गिर्द घूमती है। यहाँ तक कि मृत्यु के साथ भी लोग लापरवाह हैं, और बीमार होने पर उन्हें अपेक्षित देखभाल नहीं मिलती। इस प्रकार, ओरान एक ऐसा स्थान है जहाँ जीवन यांत्रिकता से भरा हुआ है और लोग अपनी आदतों में जकड़े हुए हैं। उपन्यास का मुख्य कथानक तब शुरू होता है जब डॉक्टर रियो एक मरे हुए चूहे को देखकर चिंतित होते हैं। यह घटना शहर की सामान्य गतिविधियों के बीच एक संकेत है कि कुछ बड़ा होने वाला है। लेखक बताता है कि इस शहर में जीवन की नीरसता और यांत्रिकता के बीच, यह चूहा एक महत्वपूर्ण चेतावनी का प्रतीक है। इस प्रकार, "प्लेग" एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें शहर के जीवन की कठोर वास्तविकता और उसके भीतर छिपे भयावह घटनाक्रमों के प्रति लोगों की अनदेखी को दर्शाया गया है।
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