आँगन के पार द्वार |  Aangan Ke Paar Dwaar by


दो शब्द :

इस पाठ में नथमाला कोीद्य की जीवनी और साहित्यिक कार्यों का विवरण दिया गया है। नथमाला का जन्म 3 मार्च 1901 को कसिया, जिला देवरिया में हुआ। उनका बचपन लखनऊ, कश्मीर, नालंदा और नीलगिरी में बीता। उन्होंने मद्रास और लाहौर में शिक्षा प्राप्त की और बी.एस-सी. के बाद अंग्रेजी में एम.ए. किया। वे क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े और 1930 में गिरफ्तार हुए, जिसके बाद उन्हें चार साल जेल में बिताने पड़े। उनकी पहली कहानी 1924 में और पहली कविता 1927 में प्रकाशित हुई। उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास, और कविता संग्रह लिखे, जिनमें प्रमुख हैं "भग्नदूत", "चिन्ता", "शरणार्थी" जैसी कृतियाँ। वे कई साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादक रहे और ऑल इंडिया रेडियो में भी कार्य किया। उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उन्होंने कई अनुवाद भी किए हैं। पाठ में उनके साहित्यिक योगदान के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसमें उनकी कविताएँ और कहानियाँ शामिल हैं। यह पाठ उनके जीवन, लेखन और साहित्यिक प्रभाव को दर्शाता है।


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