धन्वन्तरि शास्त्रीय सिद्ध प्रयोगांक द्वितीय भाग | Dhanvantri Shastriya Siddh Prayogank Part - 2

By: दाऊदयाल गर्ग - Daudayal Garg
धन्वन्तरि शास्त्रीय सिद्ध प्रयोगांक द्वितीय भाग | Dhanvantri Shastriya Siddh Prayogank Part - 2 by


दो शब्द :

यह पाठ "धन्वन्तरि" नामक चिकित्सा पत्रिका के प्रकाशन से संबंधित है। इसमें बताया गया है कि अब इस पत्रिका का प्रकाशन "निर्मल आयुर्वेद संस्थान, मामू भाजा रोड, अलीगढ़" से हो रहा है। पाठक और सदस्यों से निवेदन किया गया है कि वे पत्र लिखते समय नए पते का उपयोग करें, अन्यथा पत्र या सामग्री में विलम्ब हो सकता है। इसके अलावा, पाठ में यह भी उल्लेख है कि संस्थान की आयुर्वेदिक औषधियों की नई फैक्टरी का निर्माण तेजी से चल रहा है और उत्पादन जल्द शुरू होने की आशा है। पाठकगण को औषधियों के लिए आदेश देने की सलाह दी गई है। पाठ में विशेषांक और ग्रंथों के बारे में भी जानकारी दी गई है, जहां पाठकों को पुराने विशेषांकों का विवरण और उनकी आवश्यकता के अनुसार उन्हें मंगाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अंत में, पाठ में एक शोक संदेश भी है, जिसमें एक प्रमुख व्यक्ति के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया है और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। कुल मिलाकर, यह पाठ "धन्वन्तरि" पत्रिका के नए प्रकाशन, औषधियों के आदेश, विशेषांक की जानकारी, और एक शोक सन्देश का समावेश करता है।


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