हिंदी शब्दसागर भाग-३ | Hindi Shabd Sagar bhag-3

By: श्यामसुंदर दास - Shyam Sundar Das
हिंदी शब्दसागर भाग-३ | Hindi Shabd Sagar  bhag-3 by


दो शब्द :

यह पाठ हिंदी शब्दसागर के तृतीय भाग के संदर्भ में है, जो 'क्षंतरव्य' से 'छवाना' तक के शब्दों का संग्रह प्रस्तुत करता है। हिंदी शब्दसागर हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण कोश है, जिसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना है। इसका मूल संस्करण 1628 ई. में प्रकाशित हुआ था और इसे कई विद्वानों ने मिलकर तैयार किया था। पाठ में बताया गया है कि शब्दसागर का यह नया संस्करण विभिन्न कारणों से समय पर पाठकों तक नहीं पहुँच सका था, लेकिन अब इसे संशोधित और परिवर्धित रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। हिंदी की विकास यात्रा के साथ, शब्दसागर का विस्तार आवश्यक हो गया था, क्योंकि हिंदी भाषा के समृद्धि के साथ-साथ नए शब्दों की भी आवश्यकता थी। भारत सरकार ने इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे कोश का संशोधन, संवर्धन और संपादन संभव हुआ। पाठ में यह भी उल्लेख है कि नए संस्करण में मूल शब्दसागर की तुलना में शब्दों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। यह कोश हिंदी साहित्य के विभिन्न कालों, जैसे संत साहित्य, आधुनिक काव्य, नाटक, आलोचना, और विज्ञान के शब्दों को समाहित करता है। इस संस्करण का उद्घाटन समारोह भी उल्लेखित है, जिसमें प्रमुख साहित्यकारों और विद्वानों की उपस्थिति रही। पाठ में संपादक मंडल के सदस्यों की मेहनत और योगदान को भी सराहा गया है। अंत में, यह संकल्प व्यक्त किया गया है कि हिंदी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए शब्दसागर का कार्य निरंतर चलता रहेगा।


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