हिंदी निबंध | Hindi Nimband

- श्रेणी: निबंध / Essay हिंदी / Hindi
- लेखक: प्रभाकर माचवे - Prabhakar Machve
- पृष्ठ : 93
- साइज: 8 MB
- वर्ष: 1955
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दो शब्द :
इस पाठ में मूल्यांकन और निबंध लेखन की परंपरा पर चर्चा की गई है। लेखक ने मूल्य और मूल्यांकन की आवश्यकता पर जोर दिया है, यह बताते हुए कि वर्तमान समय में केवल मूल्य की बात होती है, जबकि वास्तविक मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि निबंध लेखन में आलोचनात्मक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत अनुभव का समावेश होना चाहिए। लेखक ने विभिन्न भाषाओं में निबंधों के विकास का उल्लेख किया है, विशेष रूप से अंग्रेजी, अमेरिकी, फ्रांसीसी और रूसी साहित्य में निबंधों की प्रगति पर। उन्होंने कहा है कि निबंध एक स्वतंत्र और ललित साहित्यिक रूप है, जिसमें लेखक की व्यक्तिगत सोच और भावनाओं का समावेश होता है। अमेरिकी लेखक इमर्सन और थॉरो का उल्लेख करते हुए लेखक ने बताया कि उनके निबंधों ने स्वावलंबन और आत्म-शोधन की महत्वपूर्ण धाराओं को उजागर किया है। फ्रांसीसी साहित्य में भी निबंधों की एक लंबी परंपरा है, जिसमें राबेले जैसे लेखकों ने स्वतंत्र चिंतन को बढ़ावा दिया। पाठ के अंत में, लेखक ने लेखन की प्रक्रिया और निबंधकार के दृष्टिकोण पर जोर दिया, यह बताते हुए कि एक सच्चा निबंधकार अपनी सहजता और ईमानदारी को बनाए रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि निबंध लेखन में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर विचार करना आवश्यक है। इस प्रकार, लेख में निबंध लेखन की शास्त्रीय और आधुनिक प्रवृत्तियों का समुचित विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
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