गणेश पुराण | Ganesh Puran
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ श्लोका / shlokas संस्कृत /sanskrit
- लेखक: देवीसहाई शुक्ल - devisahai shukla
- पृष्ठ : 934
- साइज: 34 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में भगवान गणेश जी के महत्व और उनके अवतार के बारे में वर्णन किया गया है। गणेश जी का जन्म कश्यप मुनि के घर हुआ, और उन्हें राक्षसों से लड़ने के लिए विशेष शक्तियाँ प्राप्त थीं। पाठ में यह भी बताया गया है कि गणेश जी ने विभिन्न राक्षसों का संहार किया और अपने भक्तों की रक्षा की। गणेश जी की लीला और उनकी महिमा का गुणगान करते हुए भक्तों को यह संदेश दिया गया है कि उन्हें सच्चे मन से पूजना चाहिए। पाठ में गणेश जी की स्तुति का महत्व और उनके नामों का जाप करने की सलाह दी गई है, जिससे भक्तों को सुख-समृद्धि, ज्ञान और शक्ति प्राप्त होती है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि गणेश जी की कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और वे सभी बाधाओं को पार कर सकते हैं। पाठ में गणेश जी की उपासना के विभिन्न तरीके और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के महत्व को भी बताया गया है। गणेश जी की कृपा से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
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