१०८ उपनिषद | 108 Upnishad

By: डॉ भवान सिंह राणा - Dr. Bhavan Singh Rana
१०८ उपनिषद | 108 Upnishad by


दो शब्द :

उपनिषद भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, जो वेदों, पुराणों, रामायण, गीता और महाभारत के समान ही हैं। उपनिषदों में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों का विस्तार से वर्णन किया गया है। कुल 108 उपनिषद हैं, जिन्हें सरल और सुलभ भाषा में प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और उपासनाओं की सूची दी गई है, जैसे कि विष्णु उपासना, गणेश उपासना, रामायण, महाभारत, और गीता। इसके अलावा, उपनिषदों में ज्ञान, आत्मा, ब्रह्म, और अविद्या के बारे में गहन विचार प्रस्तुत किए गए हैं। उपनिषदों में यह बताया गया है कि ब्रह्म एक निराकार और सर्वव्यापी तत्व है, जो सभी प्राणियों में विद्यमान है। आत्मा का ज्ञान प्राप्त करने से व्यक्ति मोह और अविद्या से मुक्त हो सकता है। उपनिषदों में यह भी कहा गया है कि भौतिक वस्तुओं का लोभ त्यागना चाहिए और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। अंत में, उपनिषदों का उद्देश्य आत्मा के ज्ञान के माध्यम से मानव जीवन को समझाना और उसे उच्चतम सत्य की ओर अग्रसर करना है। वे ज्ञान और अविद्या के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हैं और व्यक्ति को अपने कर्मों के प्रति सजग रहने का उपदेश देते हैं।


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