हिन्दी- प्रदीप मासिक पत्र | Hindi Pradeep Masik Patr

- श्रेणी: पत्रिका / Magazine हिंदी / Hindi
- लेखक: बालकृष्ण - baalkrishna
- पृष्ठ : 727
- साइज: 105 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न विषयों पर विचार प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें ऐतिहासिक संदर्भ, भारतीय संस्कृति, शिक्षा, और राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख किया गया है। लेखक ने अपने अनुभवों और विचारों के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया है कि भारतीय समाज में शिक्षा और राजनीतिक जागरूकता का कितना महत्व है। लेख में नव वर्ष की शुरुआत के साथ, लेखक ने अपने पिछले अनुभवों का संक्षेप में उल्लेख किया है। उन्होंने यह बताया है कि कैसे समय बीतता है और समाज में क्या परिवर्तन आते हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नवां अधिवेशन का उल्लेख किया है, जिसमें विभिन्न विचारधाराओं और राजनीतिक आंदोलनों पर चर्चा की गई है। लेखक ने दादा भाई नौरोजी की बातों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने राजनीतिक जागरूकता और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। लेखक ने यह भी बताया कि किस प्रकार अंगरेजों के राज में भारतीयों को राजनीतिक अधिकारों से वंचित किया गया था और किस प्रकार शिक्षा का स्तर गिर रहा था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शंकराचार्य के बारे में भी चर्चा की, जो भारतीय संस्कृति और वेदांत के प्रमुख आचार्य थे। उनके जीवन और कार्यों का वर्णन करते हुए लेखक ने यह दर्शाया है कि कैसे उन्होंने समाज में शिक्षा और धार्मिकता का प्रचार किया। आखिर में, लेखक ने अपने पाठकों से अपील की है कि वे अपनी संस्कृति और शिक्षा के प्रति जागरूक रहें, और सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान दें ताकि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकें।
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