आदर्श -निबंध- माला (प्रथम खंड ) | Adarsh-Niband-Mala ( khand-1)

- श्रेणी: निबंध / Essay
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 374
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1935
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दो शब्द :
इस पाठ में प्रकृति के सौंदर्य और उसके आनंद का वर्णन किया गया है। लेखक ने प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण करते हुए बताया है कि कैसे सूरज की किरणें, चाँद की रोशनी और तारे आकाश में अपनी छटा बिखेरते हैं। पहाड़, नदियाँ, और वृक्षों की सुंदरता मन को मोह लेती है। सुबह की ताजगी और चारों ओर फैली हरियाली के बीच जीव-जंतु और पक्षी भी अपने-अपने तरीके से प्रकृति की सुंदरता में योगदान देते हैं। प्रकृति के विभिन्न रंगों और रूपों का आनंद लेने के साथ-साथ लेखक ने यह भी बताया है कि कैसे मौसम का परिवर्तन और प्राकृतिक घटनाएँ हमारे जीवन में खुशी और संतोष लाती हैं। फूलों की महक, नदियों का बहाव, और पक्षियों का चहचहाना सब मिलकर एक अद्भुत वातावरण का निर्माण करते हैं जो मन को प्रसन्न करता है। लेखक ने प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा है कि यह न केवल एक दृश्य है, बल्कि एक अनुभव है जो हमें जीवन की सकारात्मकता से भर देता है। अंत में, लेखक ने प्रकृति को एक देवी के रूप में संबोधित किया है, और उसकी पूजा करते हुए मानवता को उससे जुड़े रहने की प्रेरणा दी है।
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