ऐतिहासिक स्थानावली | Etihasik Sthanavali

By: विजेन्द्र कुमार - Vijendra Kumar
ऐतिहासिक स्थानावली | Etihasik Sthanavali by


दो शब्द :

इस पाठ में विजयेन्द्र कुमार माथुर द्वारा भारतीय भाषाओं में शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने के प्रयासों और वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना के बारे में चर्चा की गई है। भारत सरकार की नीति यह है कि शिक्षा का माध्यम भारतीय भाषाएँ हों, जिससे इन भाषाओं में पारिभाषिक शब्दावली विकसित की जा सके। पाठ में बताया गया है कि आयोग का उद्देश्य उच्च स्तरीय ग्रंथों का निर्माण करना और अन्य भाषाओं से अनुवाद करना है, ताकि हिंदी साहित्य की समृद्धि हो सके। विजयेन्द्र कुमार माथुर ने प्राचीन भारतीय साहित्य में भौगोलिक चेतना के समावेश पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय कवियों जैसे वाल्मीकि, व्यास और कालिदास ने अपने कृतियों में भारत के विभिन्न भूभागों, वहां के निवासियों और उनकी जीवनशैली का विस्तृत वर्णन किया है। यह साहित्यिक सामग्री प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति की एकता का प्रतीक है। इसके अलावा, पाठ में ऐतिहासिक स्थानों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि महाभारत और जैन साहित्य में वर्णित स्थलों का उल्लेख किया गया है। माथुर ने विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों के नामकरण, उनके महत्व, और प्राचीन ग्रंथों में उनके उल्लेख पर भी प्रकाश डाला है। पाठ में बताया गया है कि ये स्थान भारतीय संस्कृति और इतिहास की धरोहर हैं, जो भौगोलिक एकता और समृद्धि की कहानी सुनाते हैं। अंत में, पाठ में प्राचीन भारत की भौगोलिक एकता, संस्कृति और साहित्य के महत्व को रेखांकित किया गया है, जो आज भी हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।


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