महाकवि कालिदास | Mahakavi Kalidas

- श्रेणी: साहित्य / Literature
- लेखक: रमा शंकर तिवारी - Rama shankar Tiwari
- पृष्ठ : 456
- साइज: 43 MB
- वर्ष: 1961
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दो शब्द :
इस पाठ में महाकवि कालिदास की साहित्यिक महानता और उनके कार्यों के महत्व पर चर्चा की गई है। लेखक ने कालिदास को भारतीय साहित्य का एक प्रमुख स्तंभ माना है और उनके काव्य में सत्य, शिव और सुंदरता की खोज की प्रतिबिंबित करने का प्रयास किया है। कालिदास के काव्यों में जीवन के सौंदर्य और उसके अनुभव को महत्वपूर्ण माना गया है, और यह बताया गया है कि उन्होंने सौंदर्य के साथ-साथ मूल्यों पर भी ध्यान दिया है। लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि कालिदास का जीवन और उनके व्यक्तित्व के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं है, और विद्वानों द्वारा कई अनुमान लगाए गए हैं। लेखक ने यह निष्कर्ष निकाला है कि कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय की राजसभा के एक प्रमुख कवि रहे होंगे और उनकी जन्मभूमि कश्मीर हो सकती है। इस अध्ययन में कालिदास की रचनाओं का विश्लेषण किया गया है, जिसमें उनके द्वारा रचित प्रमुख काव्य और नाटक शामिल हैं। लेखक ने यह भी बताया है कि कालिदास ने अपने समय की सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों को समझकर अपने काव्य का निर्माण किया। पाठ का मुख्य उद्देश्य कालिदास की काव्यकला, उनके विचारों और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों को समझाना है। अंत में, यह कहा गया है कि कालिदास की रचनाओं का सौंदर्य और काव्यात्मक गुण उनकी रचनाओं की अपार गहराई में निहित है, और पाठक को उनके काव्य में भावनात्मक और रसात्मक अनुभव को समझने का प्रयास करना चाहिए।
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