वेद कथानक | Ved Kathanak

- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ वेद /ved संस्कृत /sanskrit
- लेखक: - जयदयाल जी गोयन्दका - jayadayal ji goyandaka
- पृष्ठ : 541
- साइज: 20 MB
- वर्ष: 1973
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दो शब्द :
इस पाठ में देवी दुर्गा, काली, उमा, राधा, सीता, रुक्मिणी, और गणेश आदि की स्तुति की गई है। इसमें भगवान शिव, राम, कृष्ण का नाम लेते हुए उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की गई है। पाठ में विभिन्न देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करते हुए उनकी शक्तियों और गुणों का गुणगान किया गया है। इसके साथ ही वेदों और उपनिषदों के ज्ञान की महत्ता को भी उजागर किया गया है। पाठ में यह बताया गया है कि वेदों में परब्रह्म का ज्ञान छिपा है और जो व्यक्ति इन वेदों के ज्ञान को प्राप्त करता है, वह अमरता का अनुभव करता है। पाठ का उद्देश्य मानवता को परमात्मा के ज्ञान की ओर प्रेरित करना है और यह दर्शाना है कि सभी जीवों का कल्याण केवल सत्य, सरलता और सदाचार के मार्ग पर चलने से ही संभव है। अंत में, पाठ में 'कल्याण' नामक पत्रिका के विशेषांक की जानकारी दी गई है, जिसमें विभिन्न लेख और सामग्री का उल्लेख किया गया है। यह पत्रिका पाठकों को वैदिक शिक्षा, संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ने का प्रयास करती है। यह पाठ समाज में धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
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