हम भारत से क्या सीखें ? | India What can It Teach Us?

By: कमलाकर तिवारी - KamlakarTiwari मेक्स मूलर - Max Muller
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दो शब्द :

फ्रेडरिक मैक्समूलर का जीवन और योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका जन्म 1823 में हुआ था और वे प्रसिद्ध कवि विलहेस सूलर के एकलौते पुत्र थे। प्रारंभ में उन्होंने संगीत की ओर रुचि दिखाई, लेकिन बाद में प्राचीन भाषाओं के अध्ययन में रुचि विकसित की। उन्होंने 1841 में लीपजिंग विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्ययन किया और 1843 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। मैक्समूलर ने संस्कृत साहित्य के अनुवाद और अध्ययन में महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने 'हितोपदेश' का अंग्रेजी अनुवाद किया और ऋग्वेद पर काम किया। उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत भेजा गया ताकि वे प्राचीन पांडुलिपियों को एकत्रित कर सकें। वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने और तुलनात्मक भाषा विज्ञान में योगदान दिया। उन्होंने 'सैक्रेड बुक्स ऑफ द ईस्ट' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों का संपादन किया। उनके कार्यों में संस्कृत साहित्य का अध्ययन और अनुवाद शामिल थे, जिसने भारतीय साहित्य को पश्चिम में प्रस्तुत करने में मदद की। मैक्समूलर का जीवन कई उपलब्धियों से भरा रहा, जिसमें उन्होंने विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के अध्ययन को बढ़ावा दिया। उनकी मृत्यु 1900 में ऑक्सफोर्ड में हुई। वे एक महान विद्वान थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति और साहित्य को वैश्विक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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