खुले रहस्य | Khule Rahasya

By: एम के धर - m k dhar
खुले रहस्य | Khule  Rahasya by


दो शब्द :

'खुले रहस्य: भारतीय गुप्तचर विभाग का पर्दाफाश' पुस्तक के लेखक एम. के. धर, जो पूर्व ज्वाइट डायरेक्टर इटेलिजेंस ब्यूरो हैं, अपने अनुभवों के माध्यम से भारतीय गुप्तचर तंत्र की जटिलताओं और इतिहास को उद्घाटित करते हैं। वे स्पष्ट करते हैं कि यह पुस्तक न तो आत्मकथा है और न ही भारतीय खुफिया समुदाय का पूरा इतिहास, बल्कि यह एक सामान्य व्यक्ति के दृष्टिकोण से गुप्तचरी के कार्यों की एक झलक है। धर बताते हैं कि गुप्तचरी मानव अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज के विकास और शासन व्यवस्था का अभिन्न अंग भी है। वे यह भी बताते हैं कि ब्रिटिश काल में भारत में गुप्तचरी तंत्र कैसे विकसित हुआ, जिसमें केंद्रीय इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य गुप्तचर एजेंसियों का योगदान शामिल था। उन्होंने उस समय की राजनीतिक गतिविधियों और गुप्तचरों के कार्यों का विवरण दिया है, जिसमें साम्राज्यवादी दृष्टिकोण से स्थानीय गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी। धर यह भी बताते हैं कि आधुनिक भारत में गुप्तचरी तंत्र में कई समस्याएँ हैं। वे भारतीय गुप्तचर संस्थाओं की कमजोरियों और उनके भीतर के राजनीतिक दबावों का जिक्र करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों की अनदेखी की जाती है, जिससे गुप्तचर तंत्र की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। कुल मिलाकर, यह पुस्तक भारतीय गुप्तचर विभाग की वास्तविकताओं को उजागर करती है और गुप्तचरी के महत्व, इतिहास और वर्तमान स्थिति पर विचार करने के लिए पाठकों को प्रेरित करती है।


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