कबीर साहिब की शब्दावली | Kabir Sahib ki Shabdawali

- श्रेणी: काव्य / Poetry दोहे /dohas
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 560
- साइज: 19 MB
- वर्ष: 1914
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दो शब्द :
इस पाठ में एक पुस्तक के दूसरे भाग का उल्लेख किया गया है, जिसमें विभिन्न महात्माओं के मनोहर भजन और उपदेशों का संग्रह किया गया है। पुस्तक को छापने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता बताई गई है। इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि पुस्तक का मूल्य कम किया गया है, लेकिन कुछ पंक्तियों को जोड़ा या घटाया गया है। नई छाप में कई गलतियों को सुधारने के साथ-साथ नए नोट्स भी शामिल किए गए हैं। पुस्तक में भजन और उपदेशों का चयन किया गया है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। इसमें आत्मज्ञान, प्रेम, और भक्ति का महत्व बताया गया है। कबीर, गोरखनाथ, और अन्य संतों के दृष्टिकोण से माया के मोह और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई है। पाठ में भक्ति, साधना, और ज्ञान की गहराई को समझाने के लिए कई उदाहरण और उपदेश दिए गए हैं, जो साधकों को सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। कुल मिलाकर, यह पाठ एक धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथ का सारांश प्रस्तुत करता है, जिसमें भक्ति और ज्ञान के माध्यम से जीवन को सशक्त बनाने की बात की जा रही है।
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