लघु विद्यानुवाद | Laghu Vidhanuvad

- श्रेणी: जैन धर्म/ Jainism धार्मिक / Religious
- लेखक: आचार्य-कुंथुसागरजी-महाराज - Acharya Kunthusagarji Maharaj श्री विजयमती माताजी - Shri Vijaymati Mataji
- पृष्ठ : 720
- साइज: 24 MB
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दो शब्द :
यह पाठ एक ग्रंथ के प्रकाशन और उसके संदर्भ में जानकारी प्रदान करता है। इसमें आचार्य गणधर कुन्थुसागर जी महाराज और अन्य विद्वानों के योगदान का उल्लेख है। पाठ में विभिन्न विद्यानों जैसे यंत्र, मंत्र, तंत्र विद्या का समावेश किया गया है और इसे लघु विद्यानवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है। ग्रंथ का प्रकाशन जयपुर में किया गया है और इसकी मूल्य और वितरण की जानकारी भी दी गई है। इसके साथ ही, भगवान बाहुबली के महोत्सव का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें इस ग्रंथ का विमोचन किया गया। पाठ में अन्य संबंधित विषयों और व्यक्तियों का भी जिक्र है, जो इस ग्रंथ और उसके महत्व को दर्शाते हैं। यह संलग्न दस्तावेज विभिन्न विद्यानों और आध्यात्मिकता पर आधारित ज्ञान के संग्रह का प्रतीक है।
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