दो शब्द :

'हिंदी शब्दसागर' एक महत्वपूर्ण कोश है, जिसे नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा हिंदी भाषा और साहित्य के विकास के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस कोश का पहला संस्करण 1628 ईस्वी में प्रकाशित हुआ था और तब से यह हिंदी भाषा के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु बना हुआ है। इसके निर्माण में कई वर्षों की मेहनत और शोध शामिल है, जिसमें विभिन्न विद्वानों ने योगदान दिया है। हिंदी भाषा के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने के बाद, इसकी शब्द संपदा में वृद्धि हुई है, जिससे इस कोश के संशोधन और पुनः संपादन की आवश्यकता महसूस हुई। राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के समर्थन से, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस कार्य के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे कोश का नया संस्करण तैयार किया जा सका। इस संशोधित संस्करण में शब्दों की संख्या मूल कोश की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। नए शब्दों का संग्रह विभिन्न साहित्यिक कालों और विषयों से किया गया है, जिसमें वैज्ञानिक, तकनीकी, और सामान्य प्रचलित शब्द भी शामिल हैं। कोश का यह संस्करण हिंदी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसे बड़े पैमाने पर प्रकाशित किया गया है। इस कोश के संपादक मंडल ने इसे यथासंभव अद्यतन और समृद्ध बनाने का प्रयास किया है, और यह कोश हिंदी साहित्य और भाषा के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में उभरा है। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा को और अधिक समृद्ध और आधुनिक बनाना है, जिससे यह नई पीढ़ियों के लिए उपयोगी बन सके।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *